निश्चित दर बंधक बनाम समायोज्य बंधक दर Fixed-rate mortgage vs Adjustable-rate mortgage Loans

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आजकल हर व्यक्ति किसी ना किसी कार्य के लिए ऋण अवश्य लेता है। जब वह ऋण लेता है। वह सोचता है कि इसका ब्याज दर क्या है? ब्याज दर में क्या परिवर्तन हो जाएगा जो अभी वर्तमान में ब्याज दर है। उसके हिसाब से यदि ब्याज चुकाने की अवधि 20 साल हो तो 20 साल उपरांत ब्याज दर क्या रहेगा? यदि 19 वे साल ब्याज दर में एकाएक वृद्धि हो जाए और तब ऋण को चुकाने में समस्या होने लगती है। इन्हीं सब उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बैंक नए-नए योजनाएं लाता रहता है। जिसका उपयोग करके को भी व्यक्ति आसानी से ऋण के कुचक्र में फंसने से बच सकता है। लेकिन बैंक भी आसानी से किसी भी व्यक्ति को बैंक के कुचक्र चक्कर से निकलने नहीं देती है। इसके लिए वह कोई न कोई चक्र विधि ब्याज अवश्य जोड़ देता है। चक्रवृद्धि ब्याज वह ब्याज दर होता है जो ब्याज पर ब्याज लगाया जाता है। मान लीजिए किसी व्यक्ति ने ₹100 का बैंक लोन लिया 10 परसेंट के ब्याज दर से अब 10% के हिसाब से उस व्यक्ति का महीने में ₹10 हुआ। यदि व्यक्ति ने भुगतान नहीं किया तो ब्याज अब ₹110 पर कैलकुलेट किया जाएगा। यह भी एक बड़ी समस्या है। आज हम इन्हीं दुष्चक्र से बचने के लिए निश्चित दर बंधक के विषय में बात करेंगे और साथ ही साथ या भी जानेंगे की समायोजित दर बंधक क्या होता है? दोनों के बीच अंतर क्या है? आदि जानकारी आपको दी जाएगी इस लेख में बस आप लेख को पढ़ियेगा।

Table of Contents

दीर्घावधि के लिए लाभदायक निश्चित दर बंधक Fixed-rate mortgage Loans क्या है?

निश्चित दर बंधक एक ऐसी व्यवस्था है। जिसमें वर्तमान में ऋण लेते समय जो ब्याज दर है। वह ब्याज दर लंबी अवधि तक रहेगी। जिससे ऋण लेने वाले के ऊपर यह बोझ ना रहे की ऋण का ब्याज दर यदि बढ़ जाएगा तो वह कैसे चुकाएगा। इसके लिए एक करार कर लेता है। जिससे पैसे निकल जाता है कि ऋण की अवधि यदि लांग समय तक रहती है इससे कोई खतरा नहीं रहेगा अर्थात मान लीजिए आपने किसी बैंक से 20 साल के लिए 9 परसेंट के ब्याज दर से लोन लिया जाए तो अब जो ब्याज की दर रहेगी वह 9 परसेंट की दर से ही रहेगी। चाहे 20 बीस साल लोन भी वृद्धि क्यों ना हो जाए। यदि 20 साल  ब्याज की दर में वृद्धि हो जाएगी। इससे लेंडर के ऊपर कोई अतिरिक्त प्रभाव नहीं पड़ेगा और साथ ही साथ यदि ब्याज दर कम हो जाता है तो इससे ऋण लेने वाले के ऊपर प्रभाव पड़ने लगता है। उसको ऐसा एहसास होने लगता है कि अब तो ब्याज दर 5 परसेंट हो गया है जो मैंने 9 परसेंट के हिसाब से करार किया था। काश मैंने ऐसा करार न किया होता तो मेरा लाखों रुपए बच जाता है। लेकिन अभी से कौन जानता है लेकिन लांग समय के लिए लांग अवधि के लिए निश्चित दर बंधक ठीक रहता है। यदि आपको घर बनवाना हुआ तो उसके लिए यदि होम लोन की आवश्यकता है तब निश्चित दर बंधक ही ठीक रहेगा।

निश्चित दर बंधक Fixed-rate mortgage से क्या लाभ मिलेगा लोन लेने वाले व्यक्ति को:

(1) इस से लोन लेने वाले व्यक्ति को यह भय नहीं सताएगा कि वह लोन पर लगने वाला इंटरेस्ट रेट यदि दीर्घावधि में बढ़ जाता है तो वह इस चीज से निश्चिंत रहेगा। उसको पता है कि  मेरे ऊपर जो ब्याज दर आरोपित होगा वह निश्चित दर बंधक के रूप में आरोपित होगा।

(2) इसका लाभ यह भी है कि इससे व्यक्ति की क्रय शक्ति समता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि व्यक्ति निश्चित रूप से अपने व्यवसाय में संलग्न हो पाएगा और साथ ही साथ धीरे-धीरे वह ली हुई लोन की राशि वर्तमान ब्याज की दर से आसानी से लौटा पाएगा।

(3) वह अपने सपने के घर को बनाने में सक्षम हो सकेगा क्योंकि वह धीरे धीरे उसे लोन की राशि एक लंबी अवधि के बाद चुकाना रहेगा। वह भी वर्तमान ब्याज की दर से उसे भविष्य की कोई चिंता भी नहीं रहेगी।

(4) यह कोई विदेशी निवेशक भारत के बैंकों से लोन लेकर कि भारत में ही निवेश करना चाहता है इससे रोजगार का सृजन होगा और जिसके परिणाम स्वरूप बेरोजगार की दर घटेगी।

(5) इतनी प्रत्यक्ष रूप से घर सकल घरेलू उत्पाद भी प्रभावित होगा जिसके अलावा इंक्रीमेंटल कैपिटल आउटपुट रेशियो घटेगा।

निश्चित दर बंधक ऋण Fixed-rate mortgage की विशेषता क्या है?

(1) इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह दीर्घावधि के लिए है

(2) वर्तमान इंटरेस्ट रेट के अनुसार आपको लोन का ब्याज चुकाना पड़ेगा।

निश्चित दर बंधन ऋण किस-किस देशों में ज्यादा लोकप्रिय है

निश्चित दर बंधक दर अमेरिका में बहुत ज्यादा उपयोग होता है। इसकी परिपक्वता अवधि न्यूनतम 5 साल से लेकर के अधिकतम 60 वर्ष तक की है। इसका उपयोग आवास बनाने के लिए किया जाता है और कनाडा में भी इस ऋण लेने की पद्धति का उपयोग होता है और स्विट्जरलैंड और इसके अलावा स्वीडन में भी इसका उपयोग होता है।

निश्चित दर बंधक ऋण Fixed-rate mortgage की गणना किस सूत्र से किया जाता है

C= r/1-(1+r)-n

C मासिक भुगतान को इंगित करता है और उस पर लगने वाला ब्याज दर किस दर से ब्याज लिए जा रहा है उसे सूचित करता है और यह कितने महीनों के लिए ब्याज लिया गया है यह इंगित करता है।

आइए जानते हैं कि समायोज्य बंधक दर Adjustable-rate mortgage Loans क्या है?

समायोज्य बंधक दर ऐसी ऋण व्यवस्था है। जिसके तहत ऋण की दर परिवर्तन होती रहती है। इस पर कोई निश्चित ऋण नहीं रहता है यह अल्पकाल के लिए रहता है। आपको बता दें कि जो बड़े निवेशक हैं होते हैं वह अपनी अल्पकाल की आवश्यकता की पूर्ति के लिए इस ऋण की पद्धति को अपनाते हैं अर्थात मान लीजिए आपने 2000000 रुपए का लोन लिया 9 पर्सेंट की ब्याज दर से। अबसे जो 9 परसेंट है वह बदलता रहेगा जिस प्रकार इंटरेस्ट रेट घटता बढ़ता है। उसी पर निर्भर करेगा। किसी महीने बढ़ गया किसी महीने घट गया ऐसा चलता रहता है।

समायोज्य दर बंधक ऋण Adjustable-rate mortgage Loans का इतिहास क्या है?

इस ऋण पद्धति का प्रचलन 1980 से हुआ। इसका प्रारंभ फेडरल बैंक आफ अमेरिका ने किया। इस बंधक ऋण के तहत कोई भी व्यक्ति ऋण लेता है तो उसका ब्याज 3 साल बाद परिवर्तित होता है। इसलिए इसे परिवर्तित बंधक दर भी कहते हैं। अमेरिका में जो बड़े निवेशक होते हैं अपने अल्प काल की आवश्यकता की पूर्ति के लिए इसका उपयोग करते हैं क्योंकि यह पद्धति अल्पकाल की आवश्यकता की पूर्ति के लिए ही है। जिससे कोई व्यक्ति यदि निवेश करना चाहता है तो वह आसानी से निवेश कर सकता है।

समायोज्य बंधक दर Adjustable-rate mortgage Loans का लाभ क्या है ?

1980 में जब यह प्रचलन में आया तब से कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में बूम सी आ गई है क्योंकि जो छोटे निवेशक थे वह इस पद्धति का उपयोग करके मकान बनाते थे और समय पैसे का भुगतान भी कर देते थे। इसलिए यह सबसे अच्छा ऋण की पद्धति है। लेकिन गौरतलब बात यह है कि 2008 में फेडरल बैंक ऑफ अमेरिका दिवालिया हो गया था। जिसके कारण 2008 में आर्थिक मंदी आ गई थी। यह भी समायोज्य बंधक दर से भी जुड़ा हुआ था। क्योंकि रियल इस्टेट सेक्टर इसी के ऊपर निर्भर है इसका एक लाभ यह भी है कि छोटे-छोटे जो सूक्ष्म लघु  मध्यम उद्योग से जुड़े होते हैं उद्यमी उनके लिए किसी रामबाण से कम नहीं है क्योंकि उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए यह सबसे अच्छा है और साथ ही साथ यह नेट डॉमेस्टिक प्रोडक्ट में भी अपना योगदान देता है और इसके बाद यह उपयोग के लिए सबसे अच्छा है।

समायोज्य दर बंधक Adjustable-rate mortgage का उपयोग किस – किस देश मे होता है 

समायोज्य दर बंधक का उपयोग सिंगापुर कनाडा और अमेरिका और स्वीडन में में रियल एस्टेट मार्केट में उपयोग किया जाता है।लांग अवधि के लिए उपयोग किया जाता है। क्योंकि इस ऋण की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह परिवर्तनीय है। यह समय के साथ इस पर लगने वाला ब्याज दर बदलता रहता है। गौरतलब यह है कि सिंगापुर में से फ्लोटिंग रेट के नाम से जाना जाता है या वेरिवल रेट के नाम से भी जाना जाता है।

निश्चित बंधक दर (Fixed rate mortgage) बनाम समायोज्य बंधक दर (Adjustable-rate mortgage Loans) Chart 

निश्चित बंधक दर समायोज्य बंधक दर
(1)  लंबी अवधि अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक
(2) न्यूनतम 5 वर्ष से लेकर के 60 वर्ष तक 3 वर्ष लेकर के 30 वर्ष तक
(3)व्याज दर अपरिवर्तनीय परिवर्तनीय
Libor  Libor

Faq:

प्रश्न:- बंधक Mortgage क्या है?

उत्तर:- बंधक एक प्रकार का ऋण व्यवस्था है। जिसके तहत रियल स्टेट के व्यक्ति ऋण लेकर के निवेश करके पैसे चुकाते हैं।

प्रश्न:- बंधक कितने प्रकार का होता है

उत्तर:- बंधक निम्नलिखित प्रकार का होता है।

(a) परंपरागत बंधक

(b)समायोज्य बंधक दर

(c)निश्चित बंधक दर

(d) सरकारी बीमाकृत बंधक

प्रश्न:- बंधक का उद्देश्य क्या है

उत्तर:- बंधक का उद्देश्य है अमूर्त संपत्ति और अचल संपत्ति पूंजीकरण किया जा सके।

प्रश्न:- बंधक के लाभ क्या है ?

उत्तर:- बंधक के माध्यम से कोई भी व्यक्ति आसानी से दीर्घ काल के लिए ऋण ले सकता है। बिना किसी समस्या के वह भी बिना परिवर्तन के भी और परिवर्तन के बाद भी बस उसको चुनाव करना है वह किस प्रकार का लोन चाहता है।

 

About Vipin Jaiswar

Vipin Jaiswar is a Content Creator, Blogger and Youtuber. He is much interested in Contents Creations, SEO, Digital Marketing. He has been doing this for the past 7 years. You Can reach him via his Website. https://vipinjaiswar.in/

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