UPI New Rule 2025: अब पेमेंट से पहले दिखेगा रिसीवर का नाम – NPCI का बड़ा बदलाव

NPCI ला रही है बड़ा बदलाव

भारत में डिजिटल पेमेंट्स का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है UPI (Unified Payments Interface)। करोड़ों लोग हर दिन इसका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन एक आम समस्या जो अक्सर देखने को मिलती है, वह है गलत नंबर पर पैसे ट्रांसफर हो जाना। अब इस समस्या का समाधान लेकर आ रहा है NPCI (National Payments Corporation of India)।

क्या है नया नियम?

NPCI के नए नियम के अनुसार, अब जब भी आप किसी को UPI पेमेंट करेंगे, तो रिसीवर का नाम पेमेंट करने से पहले ही स्क्रीन पर शो होगा। इससे पहले, जब आप पेमेंट करते थे, तब सिर्फ UPI ID या नंबर दिखता था और पेमेंट के बाद ही पता चलता था कि पैसे किसे गए हैं।

यह नियम क्यों जरूरी था?

इस नए नियम को लागू करने के पीछे सबसे बड़ा कारण है — ऑनलाइन स्कैम्स और फ्रॉड से बचाव। अक्सर स्कैमर्स फर्जी UPI IDs बनाकर लोगों से पैसे ठग लेते हैं। यूज़र को पता ही नहीं चलता कि उसने पैसे किसी गलत व्यक्ति को भेज दिए हैं।

नए नियम से यह सुनिश्चित होगा कि यूज़र को पेमेंट से पहले ही रिसीवर का असली नाम पता चल जाए, जिससे गलती से गलत व्यक्ति को पेमेंट होने के चांस बहुत कम हो जाएंगे।

नाम किसके रिकॉर्ड के आधार पर दिखेगा?

NPCI के अनुसार, पेमेंट से पहले जो नाम शो होगा, वह CBS (Core Banking Solution) में रजिस्टर्ड नाम होगा। यानी वह नाम जो बैंक रिकॉर्ड में मौजूद है। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि कोई भी अपनी UPI ID का नाम मैन्युअली एडिट न कर सके।

अब ऐप्स पर नाम बदलने की छूट नहीं

अभी तक कुछ UPI ऐप्स यूज़र्स को अपने प्रोफाइल का नाम बदलने की सुविधा देती थीं। कई बार यूज़र्स और सेलर्स, अपने नाम की जगह कुछ और डाल देते थे। इससे कंफ्यूजन और फ्रॉड का खतरा बढ़ जाता था।

अब नए नियम के अनुसार यूज़र द्वारा सेव किया गया नाम नहीं, बल्कि बैंक रजिस्टर्ड नाम ही शो होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी।

QR कोड और कॉन्टैक्ट लिस्ट वाली भ्रम की स्थिति भी होगी खत्म

कई बार QR कोड स्कैन करते समय भी ऐसा होता था कि ऐप वही नाम दिखाता था जो आपके फोन की कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब चाहे QR कोड स्कैन करें या मोबाइल नंबर से ट्रांसफर करें, आपको बैंक में रजिस्टर्ड असली नाम ही दिखेगा।

कब से लागू होगा नया नियम?

NPCI ने इस नियम को लेकर 24 अप्रैल को सर्कुलर जारी किया था और इसे 30 जून 2025 से सभी UPI ऐप्स पर लागू किया जाएगा। यह नियम P2P (Person to Person) और P2M (Person to Merchant) दोनों प्रकार के ट्रांजैक्शंस पर लागू होगा।

क्या करना है यूज़र्स को?

अगर आपकी बैंक डिटेल्स में गलत नाम रजिस्टर्ड है या आपका UPI किसी और नाम से शो होता है, तो 30 जून से पहले जाकर अपने बैंक में सही नाम अपडेट करा लें।

यह नियम लागू होने के बाद यदि गलत नाम लिंक रहेगा तो आपके ट्रांजैक्शन में दिक्कत हो सकती है या रिसीवर को पेमेंट भेजने में झिझक हो सकती है।

निष्कर्ष

NPCI का यह नया कदम UPI पेमेंट सिस्टम को और ज्यादा सुरक्षित और ट्रस्टेबल बनाएगा। यूज़र्स को अब यह भरोसा रहेगा कि वे सही व्यक्ति को पेमेंट कर रहे हैं। यह एक सकारात्मक और आवश्यक बदलाव है जो समय रहते लागू किया जा रहा है।

आप इस नए नियम के बारे में क्या सोचते हैं? क्या आपके बैंक डिटेल्स सही हैं? कमेंट में जरूर बताएं और यह जानकारी अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें।